ए-हसीन

ए-हसीन

ए-हसीन मेरा गुलाब कबूल कर,
हम तुमसे बेइन्तहा इश्क़ करते हैं,
अब नहीं इस ज़माने की परवाह हमको,
हम अपने इश्क़ का इज़हार करते हैं |
"happy rose day "